वैदिक सुविचार सनातन ईश्वर 

वैदिक सुविचार सनातन ईश्वर 

वैदिक सुविचार सनातन ईश्वर 

नानक से पहले कोई सिक्ख नहीं था ।

जीसस से पहले कोई ईसाई नहीं था ।

मुहम्मद से पहले कोई मुसलमान नहीं था । 

ऋषभदेव से पहले कोई जैनी नहीं था। 

बुद्घ से पहले कोई बौद्ध नहीं था । 

कार्ल मार्क्स से पहले कोई वामपंथी नहीं था ।

लेकिन :--

कृष्ण से पहले...
राम से पहले...
जमद्गनि से पहले...
अत्री से पहले...
अगस्त्य से पहले...
पतञ्जलि से पहले...
कणाद से पहले...
याज्ञवलक्य से पहले...
सभी सनातन वैदिक धर्मी थे ।

क्योंकि एक व्यक्ति विशेष के द्वारा तो केवल  मत; पंथ; सम्प्रदाय; रिलिजन;आदि चला करते हैं । धर्म किसी व्यक्ति विशेष द्वारा नहीं चला करता। ईश्वर ने सभी मनुष्यों को समान रूप से वेद के रूप में संविधान दिया है ।