पञ्चाङ्ग - २० मार्च २०२०

पञ्चाङ्ग - २० मार्च २०२०

पञ्चाङ्ग - २० मार्च २०२०

दिनांक  - - २० मार्च २०२०
दिन  - - शुक्रवार 
तिथि  - -  द्वादशी 
नक्षत्र  - - श्रवण 
पक्ष  - - कृष्ण  
माह  - - चैत्र 
सूर्य  - -  उत्तरायण 
सृष्टि संवत्  - - १,९६,०८,५३,१२०
कलयुगाब्द  - - ५१२०
विक्रम संवत्  - - २०७६
शक संवत्  - - १९४१
दयानंदाब्द  - - १९६

 ज्ञानमयी अमृतवाणी 
अंहिसा परमोधर्मः धर्म हिंसा तदैव चः। 

        धर्म की रक्षा के लिए हिंसा करना अहिंसा से भी श्रेष्ठ है  कायर-जो अपनी रक्षा नहीं करता,दुष्टों को अपनी सामर्थय अनुसार दण्ड नहीं देता वह कायर है।  हिंसा-अन्यायपूर्वक व्यवहार करना व  दुष्टों का साथ देना हिंसा है। अहिंसा-जो अपनी और सज्जनों की रक्षा करता हो। दुष्टों को दण्ड देना भी अहिंसा है।अहिंसा का सही अर्थ है -सज्जनों की रक्षा करो और दुष्टों का संहार करो।

          अहिंसा परमो धर्म, अर्थात अहिंसा ही परमधर्म है और धर्म का पालन मनुष्य मात्र के लिए अनिवार्य है,  लेकिन अज्ञानता और मूर्खता या कहें कि कुछ पठित और महान लोग भीअहिंसा का स्वरूप समझने में भूल कर गये।अहिंसा के मार्ग में जो हिंसक लोग हैं, उनकों हटाना, मिटाना और समूल नष्ट कर देना ही अहिंसा है।यह वेद,रामायण, गीता, मनुस्मृति आदि का आदेश है ।जंहा ताकत होती है, वंहा व्यवस्था, न्याय, शान्ति का राज्य होता है।शान्ति की जननी क्रांति है ।

          शत्रुओं के सामने आत्म समर्पण करना अहिंसा नही है, कायरता है,नपुसंकता है, बुजदिली है ।अहिंसा को समझना है तो रामायण,गीता,महाभारत, मनुस्मृति, वेद और ईश्वर के संदेश पढ़ो और समझो । आज फिर से शान्ति की स्थापना के लिए क्रांति की आवश्यकता है ।

 

आज कावेद मंत्र 

      ओ३म् विश्वे देवा नो अद्या स्वस्तये वैश्वानरो वसुरग्नि:स्वस्तये।

देवा अवन्त्वृभव:स्वस्तये स्वस्ति नो रूद्र: पात्वंहस:। ( ऋग्वेद  ५|५१|१३)

      अर्थ  :- आज सब विद्वान लोग हमारे कल्याण के लिए हो। सब मनुष्यों में वर्तमान सर्वव्यापक ज्ञान-स्वरूप परमात्मा हमारा कल्याण करें। मेधाव-विद्वान् सुख के लिए हमारी रक्षा करें। दुष्टों को दण्ड देने वाला प्रभु! हमें पापों से सदा दूर रखें ताकि हमारा सदा कल्याण हो।