Posts
“सृष्टि में मनुष्य व अन्य प्राणियों का जन्म क्यों होता...
“सृष्टि में मनुष्य व अन्य प्राणियों का जन्म क्यों होता आ रहा है?”
‘भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन तथा गोरक्षा पर ऋषि दयानन्द के विचार’
‘भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन तथा गोरक्षा पर ऋषि दयानन्द के विचार’
महर्षि दयानन्द, सत्यार्थ प्रकाश और आर्यसमाज हमें क्यों...
महर्षि दयानन्द, सत्यार्थ प्रकाश और आर्यसमाज हमें क्यों प्रिय हैं?
बाधक शत्रु हमारे कल्याणकारी मार्ग से दूर हों”
बाधक शत्रु हमारे कल्याणकारी मार्ग से दूर हों”
“अघमर्षण मन्त्रों की भावना के अनुरूप आचरण से पापों से रक्षा...
“अघमर्षण मन्त्रों की भावना के अनुरूप आचरण से पापों से रक्षा सम्भव”
“सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वव्यापक, अजन्मा एक ईश्वर ही सबका...
“सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वव्यापक, अजन्मा एक ईश्वर ही सबका का उपासनीय है”
“महात्मा बुद्ध ईश्वर में विश्वास रखने वाले आस्तिक थे?”
“महात्मा बुद्ध ईश्वर में विश्वास रखने वाले आस्तिक थे?”
“महर्षि दयानन्द ने वेदों का प्रचार और खण्डन-मण्डन क्यों...
“महर्षि दयानन्द ने वेदों का प्रचार और खण्डन-मण्डन क्यों किया?
धर्म के अनुशासन बिना विज्ञान मानव जीवन के लिए अहितकारी...
धर्म के अनुशासन बिना विज्ञान मानव जीवन के लिए अहितकारी है”
मनुष्य की चहुंमुखी उन्नति का आधार अविद्या का नाश और विद्या...
मनुष्य की चहुंमुखी उन्नति का आधार अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि”
“सनातन शुद्ध वैदिक धर्म संसार का सर्वोत्तम मानव धर्म”
“सनातन शुद्ध वैदिक धर्म संसार का सर्वोत्तम मानव धर्म”
स्वामी शंकराचार्य के ईश्वर के अस्तित्व पर शास्त्रार्थ का...
स्वामी शंकराचार्य के ईश्वर के अस्तित्व पर शास्त्रार्थ का खोजपूर्ण वर्णन”
अनादि, सर्वव्यापक व सर्वज्ञ ईश्वर हमारा सनातन मित्र व सखा...
अनादि, सर्वव्यापक व सर्वज्ञ ईश्वर हमारा सनातन मित्र व सखा है”
1926 ई. की अपनी टंकारा यात्रा एवं टंकारा शताब्दी महोत्सव...
1926 ई. की अपनी टंकारा यात्रा एवं टंकारा शताब्दी महोत्सव विषयक महात्मा नारायण स्वामी...
क्रान्तिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा के पत्र की बानगी
क्रान्तिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा के पत्र की बानगी
“होली गेहूं की फसल के आगमन की खुशियां मनाने का पर्व है”
“होली गेहूं की फसल के आगमन की खुशियां मनाने का पर्व है”