भोजन के प्रकार
भोजन के प्रकार
भोजन के प्रकार
1 - शरीर के लिए ( शरीर की रक्षा के लिए या भूख मिटाने के लिए भोजन करना )
2 - स्वाद के लिए ( इन्द्रिय सुख के लिये भोजन करना )
3 - स्वास्थ्य के लिए ( रोगी न पड़ें , उत्तम स्वास्थ्य बना रहे इसके लिए भोजन करना )
4 - समाधि के लिए (स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए समाधि भी मिले इसके लिए ईश्वर के प्रति समर्पित होकर ईश्वर को याद करते हुए और हितभुक् ऋतभुक् मितभुक् का पालन करते हुए सात्विक संतुलित पौष्टिक भोजन करना।)
इनमें से चौथे प्रकार का भोजन ग्रहण करना सर्वश्रेष्ठ है । अतः चौथे प्रकार के भोजन करने का अभ्यास बनाएं इसे योगाभ्यास कहते हैं ।
(1)हितभुक् (2) ऋतभुक् ( 3) मितभुक् का अर्थ है -
(1) हितकारी सात्विक भोजन करना जो मांस मछली अंडा आदि एवं सड़े गले बासी अभक्ष्य व नशीले तामसिक आहार न हों इसी प्रकार खूब मिर्च मसाला युक्त राजसिक आहार से भी दूर रहना ।
2) ईमानदारी पूर्वक सच्चाई से कमाए गये धन से भोजन करना । बेइमानी चोरी आदि से कमाई का भोजन नहीं करना ।
3) माप तौल कर भोजन करना अर्थात् थोड़ी भूख रहे इतना भोजन करना एकदम भरपेट भोजन नहीं करना वो भी जब भूख लगे तभी भोजन करना।
स्वामी शान्तानन्द सरस्वती
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