आज का पञ्चाङ्ग
आज का पञ्चाङ्ग

आज का पञ्चाङ्ग
वैशाख शु सप्तमी २०७७
30 अप्रैल 2020
दिन ----- गुरुवार
तिथि --- सप्तमी
नक्षत्र ------- पुष्य
पक्ष ------ शुक्ल
माह-- --- वैशाख
ऋतु -------- ग्रीष्म
सूर्य उत्तरायणे,उत्तर गोले
विक्रम सम्वत --2077
दयानंदाब्द -- 196
शक सम्बत -1942
मन्वन्तर ---- वैवस्वत
कल्प सम्वत--1972949122
मानव,वेदोत्पत्ति सृष्टिसम्वत-१९६०८५३१२२
सूर्योदय -((दिल्ली)5:41
सूर्यास्त--( दिल्ली)6:56
पहला सुख निरोगी काया
रोग प्रतिरोधी क्षमता घटती है :
भोजन के तुरन्त बाद पानी पीने,ठंडी वस्तु खाने , सूर्योदय सूर्यास्त के समय सोने से..
आज का विचार
"मन का दास" कौन सा ऐसा पाप है जो नहीं करता ! -रूप
आचार्य संजीव रूप
हिन्दी संकल्प पाठ
हे परमात्मन् आपको नमन!!आपकी कृपा से मैं आज एक यज्ञ कर्म को तत्पर हूँ, आज एक ब्रह्म दिवस के दूसरे प्रहर कि जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर वर्तमान है,अट्ठाईसवीं चतुर्युगी का कलियुग जिसका प्रथम चरण वर्तमान है,कि जिसका काल अब 5122 वर्ष चल रहा है ,सृष्टि कल्प सम्वत्सर एक अरब सतानवे करोड़ उन्तीस लाख उनन्चास हजार एक सौ बाईसवां वर्ष है,तथा वेदोत्पत्ति मानव उत्पत्ति सृष्टिसम्वत एक अरब छियानवे करोड़ आठ लाख तिरेपन हजार एक सौ बाईसवां ,विक्रम सम्वत् दो हजार सतत्तर है,दयानंदाब्द 196वां है, सूर्य उत्तर अयन में उत्तर गोल में वर्तमान है ,कि ऋतु ग्रीष्म , मास वैशाख का शुक्ल पक्ष ,तिथि - सप्तमी , नक्षत्र पुष्य ,दिन आज गुरूवार है ,अंग्रेजी तारीख 30 अप्रैल को भरतखण्ड के आर्यावर्त देश के अंतर्गत, ..प्रदेश के ....जनपद...के ..ग्राम/शहर...में स्थित (निज घर में,या आर्यसमाज मंदिर में) मैं ...अमुक गोत्र में उत्पन्न, पितामह श्री ....(नाम लें ).के सुपुत्र श्री .(पिता का नाम लें)उनका पुत्र मैं ...आज सुख ,शान्ति ,समृद्धि के लिए तथा आत्मकल्याण के लिए प्रातः वेला में यज्ञ का संकल्प लेता हूँ,जिसके निर्देशक /ब्रह्मा के रूप में आप आचार्य..... श्री का वरण करता हूँ!कृपा कर यज्ञ सम्पन्न कराइए