आज का हिन्दू पंचांग - 19 मार्च 2020

 आज का हिन्दू पंचांग - 19 मार्च 2020

 आज का हिन्दू पंचांग - 19 मार्च 2020

 दिनांक 19 मार्च 2020
 दिन - गुरुवार 
 विक्रम संवत - 2076
 शक संवत - 1941
 अयन - उत्तरायण
 ऋतु - वसंत
 मास - चैत्र (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार - फाल्गुन)
 पक्ष - कृष्ण 
 तिथि - एकादशी 20 मार्च प्रातः 05:59 तक तत्पश्चात द्वादशी
 नक्षत्र - उत्तराषाढा दोपहर 02:50 तक तत्पश्चात श्रवण
 राहुकाल - दोपहर 02:04 से शाम 03:34 तक
 सूर्योदय - 06:44
 सूर्यास्त - 18:48 
 दिशाशूल - दक्षिण दिशा में
 व्रत पर्व विवरण - पापमोचनी एकादशी (स्मार्त)
  विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है lराम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
 आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
 एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
 एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
 जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
               

पापमोचनी एकादशी 

19 मार्च 2020 गुरुवार को प्रातः 04:27 से 20 मार्च शुक्रवार को प्रातः 05:59 तक एकादशी है ।
 विशेष - 20 मार्च शुक्रवार को एकादशी का व्रत उपवास रखें ।
 जो श्रेष्ठ मनुष्य ‘पापमोचनी एकादशी’ का व्रत करते हैं उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं । इसको पढ़ने और सुनने से सहस्र गौदान का फल मिलता है । ब्रह्महत्या, सुवर्ण की चोरी, सुरापान और गुरुपत्नीगमन करनेवाले महापातकी भी इस व्रत को करने से पापमुक्त हो जाते हैं । यह व्रत बहुत पुण्यमय है ।
 एकादशी महात्मय पुस्तक से
          
  पापमोचनी एकादशी 

 19 मार्च 2020 गुरुवार को प्रातः 04:27 से 20 मार्च शुक्रवार को प्रातः 05:59 तक एकादशी है ।
 विशेष - 20 मार्च शुक्रवार को एकादशी का व्रत उपवास रखें ।
 निर्णयसिन्धु के प्रथम परिच्छेद में एकादशी के निर्णय में 18 भेद कहे गये हैं l
 कालहेमाद्रि में मार्कण्डेयजी ने कहा है – जब बहुत वाक्य के विरोध से यदि संदेह हो जाय तो एकादशी का उपवास द्वादशी को ग्रहण करे और त्रयोदशी में पारणा करे ।
पद्म पुराण में आता है कि एकादशी व्रत के निर्णय में सब विवादों में द्वादशी को उपवास तथा त्रयोदशी में पारणा करे ।
 विशेष ~ अतः इस बार भी शास्त्र अनुसार 20 मार्च को उपवास करें।