आज का वेदमंत्र(वन्दनस्तार्यायुषा)

 आज का वेदमंत्र(वन्दनस्तार्यायुषा)

 आज का वेदमंत्र(वन्दनस्तार्यायुषा)

युवं रेभं परिषूतेरुरुष्यथो हिमेन घर्मं परितप्तमत्रये।
युवं शयोरवसं पिप्यथुर्गवि प्र दीर्घेण वन्दनस्तार्यायुषा॥ ऋग्वेद १-११९-६।।

        हे अश्विनों, तुम प्रभु के बताए पथ पर चलने वालों लोगों को आध्यात्मिक, आधिभौतिक और आधिदैविक तीनों प्रकार के दुखों से बचाते हो। तुम उनके दुखों की भीषण गर्मी को बर्फ जैसी ठंडक से कम कर देते हो। उनको रात में सुरक्षित नींद प्रदान करते हो और उनका जीवन समृद्धि से भर देते हो।

      O Ashwins, you save those who follow the path of the Lord from all kinds of sorrows - Adhyatmik, Adhibhotik, and Adhidaivik.  You reduce the terrible heat of their sufferings with the coolness of snow. You provide them a safe sleep at night and fill their life with prosperity.