आज का वेदमंत्र(प्र चर्षणिभ्यः.....भुवनात्यन्या)

 आज का वेदमंत्र(प्र चर्षणिभ्यः.....भुवनात्यन्या)

 आज का वेदमंत्र(प्र चर्षणिभ्यः.....भुवनात्यन्या)

प्र चर्षणिभ्यः पृतनाहवेषु प्र पृथिव्या रिरिचाथे दिवश्च।
प्र सिन्धुभ्यः प्र गिरिभ्यो महित्वा प्रेन्द्राग्नी विश्वा भुवनात्यन्या॥ ऋग्वेद १-१०९-६।।

         पवन और अग्नि,  तुम संग्रामों में सभी मनुष्यों से अधिक हो। तुम पृथ्वी, आकाश, समुंद्र और पर्वतों से भी अधिक हो। तुम सभी लोकों और विद्यमान पदार्थों से भी अधिक हो।

         Air and fire, you surpass  all men in the war.  You are vaster than the earth, sky, oceans and mountains.  You are vaster than all the worlds and the existing