आज का वेदमंत्र(अगच्छतं कृपमाणं...... अभवन्नभिष्टयः)

आज का वेदमंत्र(अगच्छतं कृपमाणं...... अभवन्नभिष्टयः)

आज का वेदमंत्र(अगच्छतं कृपमाणं...... अभवन्नभिष्टयः)

अगच्छतं कृपमाणं परावति पितुः स्वस्य त्यजसा निबाधितम्।
स्वर्वतीरित ऊतीर्युवोरह चित्रा अभीके अभवन्नभिष्टयः॥ ऋग्वेद १-११९-८।। 

हे मनुष्यों, तुम उस सन्यासी के पास जाओ जो अपना घर परिवार सभी छोड़कर लोकहित में एक साधारण जीवन जी रहा है। उसके संपर्क में आने से तुम्हें जीवन का सच्चा सुख मिलेगा।

O men, go to the Sanyasi who has left his home and family and living a simple life in public interest. By such association with him you will get true happiness of life.