आज का विचार

आज का विचार

आज का विचार

सजाने प्यार से घर द्वार फिर से आ गए होली 
मिटाने मन की सारी रार फिर से आ गई होली 
ना नफरत से कभी सुख था ना है और ना कभी होगा 
सिखाने प्यार का व्यवहार फिर से आ गई होली।  - रूप