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जीवात्मा एक स्वतन्त्र एवं अन्य अनादि तत्वों से पृथक सत्ता व पदार्थ है
“सृष्टि में नियम व व्यवस्था ईश्वर के होने का संकेत करते हैं”
अकबर को जब वीर हिन्दू रमणी किरण देवी ने सबक सिखाया था
“अविद्या से सर्वथा रहित ग्रन्थ है सत्यार्थप्रकाश”
वैदिक दर्शन और आधुनिक विज्ञान द्वारा तत्त्व-मीमांसा •
मनुष्य को सद्धर्म एवं देश हित का विचार कर सभी कार्य करने चाहियें”
“वेद एवं वैदिक धर्म हमें क्यों प्रिय हैं?”
श्री 'भारतेंदु' हरिश्चंद्र – महर्षि दयानंद के समकालीन हिंदी के महान् साहित्यकार...
मनुष्य को अपने लाभ के लिए ईश्वर की उपासना करनी चाहिये”
“देवयज्ञ अग्निहोत्र का करना मनुष्य का पुनीत सर्वहितकारी कर्तव्य”
महर्षि दयानंद सरस्वती का वेद-विषयक दृष्टिकोण