धनुरासन
धनुरासन
धनुरासन योग पेट के बल लेट कर किये जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसान जो अनेकों स्वास्थ्य फायदे के लिए जाना जाता है। चूँकि इसका आकर धनुष के सामान लगता है इसलिए इसको धनुरासन के नाम से पुकार जाता है।
धनुरासन की विधि
आप पेट के बल लेट जाए।सांस छोड़ते हुए घुटनों को मोड़े और अपने हाथ से टखनों को पकड़े।सांस लेते हुए आप अपने सिर, चेस्ट एवं जांघ को ऊपर की ओर उठाएं।अपने शरीर के लचीलापन के हिसाब से आप अपने शरीर को और ऊपर उठा सकते हैं।शरीर के भार को पेट निचले हिस्से पर लेने की कोशिश करें।जब आप पूरी तरह से अपने शरीर को उठा लें तो पैरों के बीच की जगह को कम करने की कोशिश करें।धीरे धीरे सांस ले और धीरे धीरे सांस छोड़े। अपने हिसाब से आसन को धारण करें।जब आप मूल स्थिति में आना हो तो लम्बी गहरी सांस छोड़ते हुए नीचे आएं।यह एक चक्र पूरा हुआ।इस तरह से आप 3-5 चक्र करने की कोशिश करें।
धनुरासन लाभ
धनुरासन के नियमित अभ्यास से पेट की चर्बी कम होती है और आपके पेट को चुस्त-दुरुस्त बनाता है। धनुरासन के नियमित अभ्यास से पैंक्रियास उत्तेजित होता है और इन्सुलिन के स्राव में मदद मिलती है जो शुगर के संतुलन सहायक है। धनुरासन के अभ्यास से डायबिटीज टाइप1 और डायबिटीज टाइप 2 दोनों में फायदा पहुँचता है।
धनुरासन के रोजाना अभ्यास करते हैं तो हमेशा हमेशा के लिए कमर दर्द की परेशानी से निजात मिल सकती है। यह पीठ के लिगामेंट्स, मांसपेशियों एवं तंत्रिकाओं में खिंचाव ले कर आता है और पुरे स्पाइनल कॉलम में एक नई जान फूंकता है।धनुरासन के नियमित अभ्यास करने से सीने में अच्छा खासा खिंचाव आता है और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है जो अस्थमा रोगियों के लिए बहुत जरूरी है ।धनुरासन के नियमित अभ्यास करने से स्लिप डिस्क में बहुत हद तक राहत मिल सकती है। धनुरासन के नियमित अभ्यास करने से कब्ज एवं अपच को दूर किया जा सकता है। यह आसान सही तरीके से एंजाइम के स्राव में मदद करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।धनुरासन के नियमित अभ्यास विस्थापित नाभि अपनी जगह पर लाने के लिए लाभदायक है।धनुरासन के नियमित अभ्यास करने से थाइरोइड एवं अधिवृक्क ग्रंथियों को उत्तेजित करता है तथा इसके हॉर्मोन के स्राव में मदद करता है।
धनुरासन की सावधानियाँ
धनुरासन उन्हें नहीं करनी चाहिए जिन्हें तीव्र कमर दर्द हो। हर्निया के रोगीओं को धनुरासन के करने से बचना चाहिए।कोलाइटिस से पीड़ित व्यक्ति इसे मत करें।उच्चरक्तचाप वाले व्यक्ति धनुरासन को नहीं करें।अगर पथरी की शिकायत हो तो इसे न करें