सुन्नपन(Numbness)का शरीर में होना

सुन्नपन(Numbness)का शरीर में होना

सुन्नपन(Numbness)का शरीर में होना

      कभी बैठे-बैठे या काम करते हुए आपके शरीर का कोई अंग या त्वचा सुन्नपन(Numbness)हो जाता है कुछ लोग देर तक एक ही मुद्रा में बैठकर काम करते या पढ़ते-लिखते रहते हैं इस कारण रक्त वाहिनीयों तथा मांसपेशियों में शिथिलता आ जाने से शरीर में सुन्नपन हो जाता है। शरीर के किसी अंग के सुन्न होने का प्रमुख कारण वायु का कुपित होना है। इसी से वह अंग भाव शून्य हो जाता है। ये खून के संचरण में रुकावट पैदा होने से सुन्नता आती है। यदि शरीर के किसी विशेष भाग को पूरी मात्रा में शुद्ध वायु नहीं मिलती तो भी शरीर का वह भाग सुन्न पड़ जाता है।

      जो अंग सुन्न(Numbness)हो जाता है उसमें हल्की झनझनाहट होती है और उसके बाद लगता है कि वह अंग सुन्न हो गया है तब सुई चुभने की तरह उस अंग में धीरे-धीरे लपकन-सी पड़ती है लेकिन दर्द नहीं मालूम पड़ता है।

सुन्नपन होने पर करे ये उपाय-

1- सुबह के समय शौच आदि से निपट कर सोंठ तथा लहसुन की दो कलियों को चबाकर ऊपर से पानी पी लें और यह प्रयोग आठ-दस दिनों तक लगातर करने से सुन्नपन स्थान ठीक हो जाता है।

2- पपीते या शरीफे के बीजों को पीसकर सरसों के तेल में मिलाकर सुन्नपन होने वाले अंगों पर धीरे-धीरे मालिश करें।

3- पीपल के पेड़ की चार कोंपलें सरसों के तेल में मिलाकर आंच पर पकाएं और फिर छानकर इस तेल को काम में लाएं।

4- तिली के तेल में एक चम्मच अजवायन तथा लहसुन की दो कलिया कुचलकर डालें और फिर तेल को पकाकर और छानकर शीशी में भर लें इस तेल से सुन्नपन स्थान की मालिश करें।

5- बादाम का तेल मलने से सुन्न स्थान ठीक हो जाता है। बादाम घिसकर लगाने से त्वचा स्वाभाविक हो जाती है।

6- सोंठ, पीपल तथा लहसुन सभी बराबर मात्रा में लेकर सिल पर पानी के साथ पीस लें और फिर इसे लेप की तरह सुन्नपन स्थान पर लगाएं।

7- कालीमिर्च तथा लाल इलायची को पानी में पीसकर त्वचा पर लगाएं।

8- 100 ग्राम नारियल के तेल में 5 ग्राम जायफल का चूर्ण मिलाकर त्वचा या अंग विशेष पर लगाएं।

9- एक गांठ लहसुन और एक गांठ शुंठी पीस लें इसके बाद पानी में घोलकर लेप बना लें तथा इस लेप को त्वचा पर लगाएं।

10- रात को सोते समय तलवों पर देशी घी की मालिश करें इससे पैर का सुन्नपन खत्म हो जाएगा।

11- 5 ग्राम चोपचीनी, 2 ग्राम पीपरामूल और 4 ग्राम मक्खन इन तीनों को मिलाकर सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करें।

12- बेल की जड़, पीपल और चित्रक को बराबर की मात्रा में लेकर आधा किलो दूध में औटाएं और फिर रात को सोते समय उसे  पी जाए।